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Friday, 5 June 2020

असंभव लेकिन सच! महिला टीचर ने 25 स्कूलों में काम करके ले लिया 1 करोड़ रुपये वेतन

लखनऊ: एक महिला टीचर 25 स्कूलों में महीनों से काम कर रही थीं और एक डिजिटल डेटाबेस होने के बावजूद एक करोड़ रुपये का वेतन निकालने में सफल रहीं. सुनने में यह असंभव सा लग सकता है लेकिन यह हकीकत है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका थीं और अंबेडकर नगर, बागपत, अलीगढ़, सहारनपुर और प्रयागराज जैसे जिलों के कई स्कूलों में एक साथ काम कर रही थीं. मामला तब सामने आया जब शिक्षकों का एक डेटाबेस बनाया जा रहा था.

संपर्क में नहीं है महिला टीचर
मानव सेवा पोर्टल पर शिक्षकों के डिजिटल डेटाबेस में शिक्षकों के व्यक्तिगत रिकॉर्ड, जुड़ने और पदोन्नति की तारीख की आवश्यकता होती है एक बार रिकॉर्ड अपलोड होने के बाद, यह पाया गया कि अनामिका शुक्ला, एक ही व्यक्तिगत विवरण के साथ 25 स्कूलों में सूचीबद्ध थीं. स्कूल शिक्षा के महानिदेशक, विजय किरण आनंद ने कहा कि इस शिक्षक के बारे में तथ्यों का पता लगाने के लिए एक जांच चल रही है. शिक्षिका संपर्क में नहीं है.

उन्होंने कहा, "यह आश्चर्यजनक है कि शिक्षिका अनामिका शुक्ला उप्र के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी किए जाने के बावजूद ऐसा कर पाई."

मार्च में की गई थी इस महिला टीचर की शिकायत
मार्च में इस शिक्षिका के बारे में शिकायत प्राप्त करने वाले एक अधिकारी ने कहा, "एक शिक्षक अपनी उपस्थिति को कई जगह कैसे चिह्न्ति कर सकता है, जबकि उन्हें प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी होती है?"

सभी स्कूलों में रिकॉर्ड के अनुसार, शुक्ला एक साल से अधिक समय तक इन स्कूलों के रोल पर थीं. केजीबीवी कमजोर वर्गों की लड़कियों के लिए चलाया जाने वाला एक आवासीय विद्यालय है, जहां शिक्षकों को अनुबंध पर नियुक्त किया जाता है. उन्हें प्रति माह लगभग 30,000 रुपये का भुगतान किया जाता है. जिले के प्रत्येक ब्लॉक में एक कस्तूरबा गांधी स्कूल है.

फरवरी 2020 तक एक करोड़ रुपए का वेतन लिया
अनामिका ने इन स्कूलों से वेतन के रूप में फरवरी 2020 तक (13 महीनों में) एक करोड़ रुपए लिए हैं. मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला को आखिरी बार फरवरी तक रायबरेली के केजीबीवी में काम करते हुए पाया गया था, जब उनका फजीर्वाड़ा सामने आया था.

रायबरेली में बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय ने अनामिका शुक्ला नामक एक शिक्षिका के बारे में जांच करने के लिए छह जिलों को एक पत्र जारी किया था. उन्होंने कहा, "हालांकि रायबरेली का नाम सूची में नहीं था, हमने क्रॉस चेक किया और महिला को जब हमारे केजीबीवी में भी काम करते हुए पाया तो उन्हें नोटिस जारी किया गया था लेकिन उन्होंने वापस रिपोर्ट नहीं की और उनका वेतन तुरंत रोक दिया गया."

उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन के कारण जांच आगे नहीं बढ़ सकी लेकिन अब रिकॉर्ड का सत्यापन किया जाएगा. यह पता लगाना अभी बाकी है कि शुक्ला अलग-अलग स्कूलों के वेतन के लिए एक ही बैंक खाते का इस्तेमाल कर रही थीं या नहीं.

Thursday, 4 June 2020

भारत का लॉकडाउन कब हटेगा?

डब्ल्यूएचओ के हस्तक्षेप के कारण वर्ल्ड बैंक ने भारत को 1 Billion means ₹75 अरब दिए जिसके कारण डब्ल्यूएचओ के नियमों को मानना भारत के लिए बाध्य है नियम यह है

कि कम से कम 2–3 महीने का लोकडाउन होना चाहिए और 4– 6 महीने का सोशल डिस्टेंस होना ही चाहिए तो इसके अनुसार हॉटस्पॉट इलाकों को छोड़कर 31 मई तक लोक डाउन जारी रह सकता है |

sources:-मूल स्रोत:-World Bank Fast-Tracks $1 Billion COVID-19 (Coronavirus) Support for India

World Bank approves $1 billion aid to India to fight Covid-19


अदरक वाली चाय पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं?

आमतौर पर सर्दियों में लोग अदरक वाली चाय पीते हैं। अदरक वाली चाय पीना सर्दियों में फायदेमंद होता है। अदरक वाली चाय पीने से जहां पाचन क्रिया मजबूत होती है वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं।

आज हम जानेंगे अदरक वाली चाय पीने के नुकसान-

  • ज्यादा अदरक वाली चाय पीने से शरीर में गर्मी हो सकती है ।जिसके कारण शरीर में पित्त की वृद्धि हो सकती है।
  • अदरक वाली चाय ज्यादा पीने से शुगर लेवल काफी कम हो सकता है।
  • ज्यादा अदरक वाली चाय पीने से कब्ज भी हो सकती है।
  • चेहरे पर अदरक वाली चाय पीने से गर्मी के कारण पिंपल्स भी हो सकते हैं।
  • बवासीर के रोगियों के लिए भी अदरक वाली चाय फायदेमंद नहीं है।
  • अदरक वाली चाय पीने से पेट में जलन भी पैदा हो सकती है।
  • अदरक वाली चाय पीने से वजन भी कम होता है।

जरूरी बात:

मौजूदा समय में बाजार में तेजाब के पानी से धुली हुई अदरक भी बिक रही हैं, क्योंकि तेजाब के पानी से धोने पर अदरक मे चमक आ जाती है। देखने में सुंदर लगती है। ये फायदे से अधिक नुकसान करती है।

कोशिश करें कि आप मिट्टी मे सनीं हुई अदरक ही खरीदें और वही प्रयोग करें।

दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया अपवोट जरूर करें धन्यवाद।